Chandigarh Fraudsters Arrest: चंडीगढ़ पुलिस ने 4 बड़े साइबर ठग दबोचे; स्टील कारोबारी से 54 लाख ठगना चाह रहे थे

चंडीगढ़ पुलिस ने 4 बड़े साइबर ठग दबोचे; स्टील कारोबारी से 54 लाख ठगना चाह रहे थे, बिहार-झारखंड में इनके कई साथी एक्टिव

Chandigarh Police Arrested 4 Big Cyber Fraudsters Breaking

Chandigarh Police Arrested 4 Big Cyber Fraudsters Breaking

Chandigarh Fraudsters Arrest: आजकल इंटरनेट और फर्जी कॉल के जरिए ठगी का सिलसिला जारी है। साइबर ठग लगातार लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस बीच चंडीगढ़ पुलिस की साइबर टीम ने एक बड़े इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड रैकेट के 4 ठगों को दबोचने में सफलता हासिल की है। सभी आरोपी ठग युवा ही हैं और इनमें से 3 ठग महाराष्ट्र के ठाणे के रहने वाले हैं। जबकि एक अन्य ठग गुजरात के सूरत का रहने वाला है।

चारों ठगों की पहचान मुबारक अली (24 साल, महाराष्ट्र), अंकित सुरेंद्र झा (25 साल, महाराष्ट्र), संतोष कुमार यादव (29 साल, गुजरात) और धर्मेंद्र कुमार (36 साल, महाराष्ट्र) के तौर पर हुई है। इन शातिर ठगों को चंडीगढ़ पुलिस ने लोकल पुलिस की मदद से अंबरनाथ (वेस्ट), उल्हासनगर और सूरत में रेड करके गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल किए गए कई बैंक पासबुक, ATM कार्ड, सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं और आगामी कार्रवाई के साथ इनसे पूछताक्ष जारी है।

स्टील कारोबारी से 54 लाख ठगना चाह रहे थे

चंडीगढ़ के रहने वाले मनीष अग्रवाल जो स्टील का बिज़नेस करते हैं, उन्होंने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया था कि उन्होंने टोयोटा डीलरशिप के लिए अप्लाई किया था, जिसके बाद धोखेबाजों ने, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के रिप्रेजेंटेटिव बनकर, एक नकली मोबाइल नंबर और ईमेल ID से उनसे कॉन्टैक्ट किया। आरोपियों ने उन्हें एक नकली लेटर ऑफ़ इंटेंट (LOI) भेजा और उनसे दो बैंक अकाउंट में कुल 54,16,790/- ट्रांसफर करने के लिए कहा। लेकिन टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स ने कन्फर्म किया कि आरोपी द्वारा इस्तेमाल किया गया न तो मोबाइल नंबर और न ही ईमेल ID कंपनी का है।

बिहार-झारखंड में इनके कई साथी एक्टिव

गिरफ्तार आरोपियों ने झारखंड और बिहार से काम कर रहे अपने दूसरे खास साथियों के बारे भी पुलिस को जानकारी दी है और उनकी पहचान बताई है। जिन्हें भी अब गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि टेक्निकल एनालिसिस और बैंक KYC डिटेल्स से पता चला कि ठगी के पैसे को लॉन्ड्र करने और निकालने के लिए फर्स्ट-लेयर और सेकंड-लेयर म्यूल अकाउंट्स के तौर पर इस्तेमाल किए गए कई बैंक अकाउंट्स शामिल थे। पुलिस का कहना है कि आगे की जांच पड़ताल में और खुलासे हो पाएंगे।

लोगों को साइबर टीम की सलाह

ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस की साइबर टीम ने लोगों के लिए खास सलाह भी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि लोग हमेशा ऑफिशियल ईमेल और वेबसाइट वेरिफाई करें, ईमेल ID और वेबसाइट हमेशा कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही कन्फर्म करें। फ्रॉड करने वाले अक्सर असली दिखने के लिए एक जैसे दिखने वाले नकली डोमेन का इस्तेमाल भी करते हैं। जिससे सावधान रहें। वहीं डीलरशिप या फ्रेंचाइजी देने वाले अनचाहे कॉल पर भरोसा न करें, बड़ी कंपनियां डीलरशिप के मौके देने के लिए कभी भी अचानक कॉल नहीं करतीं। हमेशा कंपनी के ऑफिशियल पोर्टल पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल करके सीधे कंपनी से संपर्क करें।

रिपोर्ट- रंजीत शम्मी